नए साल की कहानी
यह कहानी हमें जीवन में नई चीजें सीखने और अपने मन और विचारों को नया बनाये रखने की सीख देती है।
Story
मुंबई में रहने वाला शर्मा परिवार इस बार नए साल पर पहाड़ो में घूमने जा रहा था । परिवार में चार सदस्य थे: माँ (अंजलि), पिता (राकेश), 10 साल का बेटा (आरव), और 8 साल की बेटी (मीरा)। बच्चे यात्रा को लेकर बहुत उत्साहित थे, क्योंकि यह उनकी पहली हिल स्टेशन यात्रा थी, और वो जा रहे थे शिमला की बर्फीली वादियों में।
उन्होंने रात की ट्रेन ली और अगले दिन शिमला पहुँच गए। ठंडी हवा और हरे-भरे पहाड़ों को देखकर बच्चों की खुशी दुगुनी हो गई।सुबह होटल से निकलकर वो सबसे पहले एक सुंदर झील के पास गए, जहाँ आरव और मीरा ने बोटिंग का मज़ा लिया। पानी की ठंडक और आस-पास के सुंदर नज़ारों में सबका दिल खुश हो गया।
वे सब दोपहर को एक पार्क गए, जहाँ रॉक क्लाइम्बिंग और ट्रैकिंग जैसी रोमांचक गतिविधियाँ हो रही थीं।राकेश ने बच्चों को सिखाया कि रॉक क्लाइम्बिंग कैसे करते हैं। शूरू-शूरू में तो बच्चों को डर तो लगा, फिर राकेश ने उन ्हें समझाया, "बच्चों अपने डर को हराकर ही हम कुछ नया सीख सकते हैं।" उनका आत्मविश्वास बढ़ा और वो गतिविधियों का आनंद लेने लगे।
अगले दिन, वे पास के गाँव में घूमने गए, जहाँ वे कुछ नए लोगों से मिले।उन लोगों ने शर्मा फैमिली को अपने संस्कृति और परंपराओं के बारे में बताया।आरव और मीरा ने गाँववालों से मिट्टी के बर्तन बनाना भी सीखा।
बच्चे बहुत खुश थे क्योंकि उन्हें इतनी सारी नई चीज़ें जानने और सीखने को मिली।उनका नये साल का मज़ा दुगना हो गया था।
शाम को वो लोग घाटी के मंदिर में गए वहाँ उन्होंने पूजा की और गरीब लोगों में प्रसाद बाँटा मंदिर के बाहर पेड़ के नीचे एक साधू बैठे हुए थे। साधू ने उन लोगों को अपने पास बुलाया और उनसे अपने बारे में बताने को कहा।राकेश ने साधू को बताया कि वे लोग नए साल पर मुंबई से शिमला घूमने आए हैं। साधू ने उन्हें बैठने का इशारा किया और बच्चों स े पूछा, "तो, बच्चों, यहाँ आकर क्या नया किया?"
आरव और मीरा ने एक साथ कहा, हमने बोटिंग की, रॉक क्लाइम्बिंग की और हाँ हमने मिट्टी के बर्तन बनाना भी सीखा, बड़ा मज़ा आया। हमने यहाँ के लोगों के बारे में भी बहुत कुछ जाना।
साधू ने मुस्कुराते हुए कहा, "यह बहुत अच्छी बात है।हमें हमेशा कुछ ना कुछ नया सीखना चाहिए पर असली नयापन हमारे अंदर होता है। जब हमारा मन और विचार नए होते हैं, तो हमारी ज़िन्दगी में सच्ची खुशियाँ और असली नयापन आता है। भले ही शरीर बूढ़ा हो जाए, लेकिन हमारी चेतना और विचार हमेशा नए और अच्छे होने चाहिए।यह नया साल भी हमें यही सिखाता है कि हम अपने अंदर नई ऊर्जा और नए विचारों को हमेशा बनाए रखें।"
साधू की बातों ने सबके दिल को छू लिया।बच्चों को समझ में आ गया कि असली नया साल तब होता है जब हम अपने अंदर भी नयापन महसूस करें।इस यात्रा ने उन्हें न केवल नई जगहों का आनंद दिया, बल्कि ज़िन्दगी के गहरे सबक भी सिखाए।
यात्रा के अंत में, शर्मा परिवार एक नई सोच और ऊर्जा के साथ वापस लौट आया, और बच्चों ने वादा किया कि हर साल कुछ नया सीखेंगे और अपने मन को हमेशा नया बनाए रखेंगे।
For more such stories buy myNachiketa Books
Download the Activity Related to Story
Story Video
Watch this Video to know more about the topic
Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+