कृष्ण और कालिया नाग-कृष्ण लीला
यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान और सच का ज्ञान हमारे अहंकार को मिटाकर हमारे मन को साफ़ करता है।
Story
एक दिन कृष्ण और उनके दोस्त यमुना नदी के किनारे गेंद से खेल रहे थे। खेलते-खेलते उनकी गेंद यमुना नदी में जा गिरी। कोई भी गेंद लेने नदी में नहीं जा रहा था। जब कृष्ण ने वजह पूछी तो वह सब बोले कि नदी में पाँच फन वाला एक भयंकर, ज़हरीला नाग है उसके ज़हर से नदी का पानी भी ज़हरीला हो गया है। नदी में जाना खतरनाक हो सकता है।
अपने दोस्तों को डरा हुआ देख कृष्ण बोले, “कोई बात नहीं! मैं ही नदी में जाकर गेंद लेकर आता हूँ।” दोस्तों के मना करने पर भी कृष्ण नहीं माने और नदी में चले गए। दोस्तों ने सारी बात जाकर नंदबाबा और यशोदा माँ को बताई। यह बात पूरे गाँव को पता चली और सभी गोकुलवासी यमुना नदी के किनारे आ गए।
कृष्ण नदी के तल पर पहुँचे और उन्होंने देखा कि बड़ा ही भयंकर नाग वहाँ सो रहा था।
“लगता है यही कालिया नाग है,” कृष्ण ने मन ही मन सोचा।
कृष्ण ने नाग से कहा, “तुम्हें अपनी जान प्यारी है तो तुरंत यहाँ से चले जाओ। तुमने यमुना नदी के पानी को ज़हरीला कर दिया है और गोकुलवासियों के जीवन को खतरे में डाल दिया है।”
कालिया नाग ने कृष्ण की बात नहीं मानी और उन्हें युद्ध के लिए ललकारा। कृष्ण और कालिया नाग के बीच भयानक युद्ध हुआ जिसमें कालिया नाग की हार हुई। फिर कृष्ण ने कालिया नाग के सिर पर बाँसुरी बजाते हुए नृत्य किया और नदी के ऊपर आ गए।
गोकुलवासियों ने इस सुंदर दृश्य का आनंद लिया। कालिया नाग हमेशा के लिए यमुना नदी को छोड़कर चला गया।
जिस तरह कालिया नाग ने अपने ज़हर से निर्मल यमुना नदी को भी ज़हरीला कर दिया था उसी तरह हमारा अहंकार हमारे मन से अच्छी भावनाएँ जैसे प्रेम और करुणा को हटाकर बुरी भावनाएँ जैसे जलन और क्रोध को भर देता है। पर जिस तरह कृष्ण ने कालिया नाग को हरा कर यमुना नदी को फिर से स्वच्छ कर दिया उसी तरह भगवान और सच का ज्ञान हमारे अहंकार को मिटाकर हमारे मन को साफ़ करता है।
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स्रोत: भागवतं
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Story type: Spiritual, Mythological
Age: 7+years; Class: 3+