कृष्ण के मुख में ब्रह्मांड - कृष्ण लीला
यह कहानी हमें सिखाती है कि पूरा ब्रह्मांड ही भगवान है, भगवान से अलग संसार की कोई भी चीज़ नहीं हो सकती।
Story
कृष्ण बचपन में बहुत नटखट थे। वो हमेशा अपनी बाल लीलाओं से अपने दोस्तों और यशोदा मैया को हैरानी में डाल देते थे।
एक दिन कृष्ण अपने दोस्तों और बड़े भाई बलराम के साथ बगीचे में खेल रहे थे। बलराम पेड़ से आम तोड़ रहे थे तभी खेल-खेल में कृष्ण ने थोड़ी सी मिट्टी उठाकर खा ली। कृष्ण के दोस्तों ने उन्हें मिट्टी खाते हुए देख लिया।
उन सब ने यह बात बलराम को बताई। बलराम कृष्ण को यशोदा माँ के पास ले गए और उन्हें बताया कि कृष्ण ने मिट्टी खाई है।
माँ चिंतित होकर बोली, “कान्हा, क्या तुमने सचमुच मिट्टी खाई है?” कृष्ण ने ना में सिर हिलाया।
फिर यशोदा माँ ने उन्हें अपना मुँह खोलकर दिखाने को कहा। और फिर जो उन्होंने देखा उनकी आँखें खुली की खुली रह गईं।
माँ यशोदा को कृष्ण के मुँह में सारा ब्रह्मांड दिखाई दे रहा था, सूरज, चाँद, तारे, सभी ग्रह, पूरी धरती - नदी, पहाड़, समुद्र, पेड़-पौधे और सभी जीव भी।
इस घटना से भगवान ने यह संदेश दिया है कि पूरा ब्रह्मांड ही भगवान है, भगवान से अलग संसार की कोई भी चीज़ नहीं हो सकती।
कृष्णा ने माँ यशोदा को इस सत्य का ज्ञान कराया। पर वह चाहते थे कि माँ उन्हें अपने पुत्र की तरह ही प्यार करें ना कि भगवान मानकर उनकी पूजा करें, इसलिए कृष्ण ने अपनी शक्ति से माँ को यह घटना भुलवा दी। माँ ने कृष्ण को गले लगाकर पुत्र की तरह प्रेम किया।
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स्रोत: भागवतं
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Story type: Spiritual, Mythological
Age: 7+years; Class: 3+