top of page

अपनी पहचान से क्यों अनजान?

यह कहानी हमें सिखाती है कि हमारे भीतर ईश्वर की शक्ति है।

अपनी पहचान से क्यों अनजान

Story


कल सुहानी की गणित की परीक्षा है और उसे डर है कि वह परीक्षा में आए सवाल हल नहीं कर पाएगी। वैसे तो सुहानी गणित में बहुत होशियार थी, पर बीमार होने के कारण उसकी पिछली कुछ परीक्षाएँ अच्छी नहीं हुई। इसलिए उसे लगने लगा कि वो गणित में अच्छी नहीं है।


वह उदास और चिंतित होकर अपने कमरे में बैठी थी और मदद के लिए अपने दोस्त नचिकेता को याद कर रही थी। तभी उसके कमरे में खिड़की से एक फ्लाइंग टॉय-कार आई। उस कार में नचिकेता बैठा हुआ था। नचिकेता ने अपना काला चश्मा निकालते हुए सुहानी से पूछा, “क्या बात है सुहानी, इतनी परेशान क्यों हो?”


सुहानी ने अपनी परेशानी नचिकेता को बताई।

“चलो तुम्हारी चिंता दूर करने के लिए, तुम्हें एक कहानी सुनाता हूँ,” नचिकेता ने कहा।


तो बच्चों, आओ हम भी इस रोचक कहानी का मज़ा लें।


एक दिन एक छोटी शेरनी की माँ उसे मांद में छोड़कर उसके लिए खाना लाने गई। खाना ढूंढने में उसे ज़रा देर हो गई। छोटी शेरनी को अपनी माँ की चिंता हुई और वह उसे ढूंढने मांद के बाहर चली गई।


अँधेरे में शेरनी की बच्ची रास्ता भटक गई और भेड़ों के बाड़े में जा पहुँची। वहाँ बहुत सारी भेड़ें रहती थीं। शेरनी अब भेड़ों के साथ ही रहने लगी। वह भेड़ों की तरह ही बर्ताव करने लगी। वो ना तो शेरनी की तरह दहाड़ती, ना तेज़ दौड़ती और ना ही ऊँची छलाँग लगाती। भेड़ों के बीच रहकर वह खुद को एक भेड़ ही समझने लगी थी।


एक बार वह दूसरी भेड़ों के साथ घास चरने गई तभी वहाँ शेरनी की माँ आ गई। सभी भेड़ें डर कर इधर-उधर भागने लगीं पर शेरनी वहीं खड़ी रही। उसने अपनी माँ को पहचान लिया और दौड़कर उसके गले लगी। शेरनी को याद आ गया कि वह कोई भेड़ नहीं, एक शेरनी है। शेरनी और उसकी माँ एक साथ दहाड़े। शेरनी को अपनी असली ताकत का एहसास हुआ।


नचिकेता की कहानी सुन कर सुहानी का मनोबल बढ़ गया। उसने एक नई ऊर्जा का अनुभव किया और खुद को परीक्षा के लिए तैयार करने के लिए फिर से प्रेरित किया।


For more such stories buy myNachiketa Books

Age: Everyone!

Language: English

₹690

23% OFF

hindi book set.png

Age: Everyone!

Language: Hindi

₹576

20% OFF

Shloka


स्रोत: भगवद् गीता

भगवद् गीता में कृष्ण ने कहा है


सर्व भूत स्थितं


भगवान सभी में हैं।


तो बच्चों, जैसे शेरनी अपनी शक्ति के बारे में भूल गई थी वैसे ही हम भी भूल जाते हैं कि हमारे अंदर भी भगवान की शक्ति है और हम सबकुछ कर सकते हैं। अब सुहानी का डर भी चला गया और वह एक नए जोश के साथ परीक्षा के लिए तैयार थी।

Download the Activity Related to Story

Story Video

Watch this Video to know more about the topic

Story type: Motivational, Activity-Based

Age: 6+years; Class: 2+

More Such Stories

Resources

Share Now

bottom of page