एक जादुई कहानी
यह कहानी हमें सिखाती है कि हमें खुद को छोटा और कमज़ोर नहीं समझना चाहिए क्योंकि हमारे अंदर भगवान की शक्ति है।
Story
आज वैभव बहुत उत्साहित था और हो भी क्यों ना! उनके शहर में जादू का खेल दिखाने एक मशहूर जादूगर आने वाला था। वैभव अपने पिताजी और दोस्तों के साथ शाम को जादू देखने गया।
जादूगर ने एक से बढ़कर एक जादू दिखाए जिन्हें देखकर बच्चों की आँखें फटी की फटी रह गई। कभी वो खाली टोपी में से खरगोश निकालता तो कभी जादू से चीज़ें हवा में उड़ा देता।
कमाल तो तब हो गया जब उसने एक आदमी को बक्से में बंद किया और जब बक्सा खोला तो वह आदमी गायब हो चुका था।
बच्चों को जादू देखकर बहुत मज़ा आया। बच्चे जादूगर और जादू की बातें करते हुए घर वापस लौट रहे थे।
तभी अचानक वैभव बोला, “साँप, पीछे हटो!” वैभव के पिताजी आगे आए और बोले, “बच्चों डरो मत! यह कोई साँप नहीं बल्कि एक रस्सी है।”
सभी बच्चे आगे आए और बोले, “अरे हाँ! यह तो बस एक साधारण-सी रस्सी है।”
“तो यह था आज का आखिरी जादू,” वैभव के पिताजी बोले।
"कभी-कभी हमारे साथ भी ऐसा होता कि हम ऐसी बातों पर विश्वास कर लेते हैं जो सच नहीं होतीं। हम कभी-कभी यह सोचते हैं कि हम छोटे और कमज़ोर हैं पर यह सच नहीं है क्योंकि हमारे अंदर भगवान की शक्ति है। तो, अपने आप में विश्वास रखने को याद रखें," उन्होंने समझाया।
वैभव मुस्कुराया और कहा, "हमें खुद पर भरोसा रखना चाहिए और उस शक्ति को पहचानना चाहिए जो हमें आगे बढ़ने में मदद कर सकती है।"
उसके पिता ने सिर हिलाया, "बिल्कुल, वैभव। खुद पर विश्वास और साहस के साथ, आप किसी भी भय से जीत सकते हैं।"
सभी बच्चे हँसते हुए घर को लौट चलते हैं।
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Story type: Motivational
Age: 7+years; Class: 3+