top of page

रोहन और नचिकेता चले सैर पर

यह कहानी हमें सिखाती है कि भगवान अनंत हैं।

रोहन और नचिकेता चले सैर पर

Story


आज रोहन अपने दोस्त सौरभ के जन्मदिन की पार्टी में गया था। दोनों दोस्तों ने पार्टी में खूब मज़े किए और स्वादिष्ट खाना खाया।


पार्टी से लौटते समय रोहन ने उदास होकर माँ से कहा, “माँ, सौरभ का घर तो बहुत बड़ा और सुंदर है पर हमारा घर उतना बड़ा नहीं है।”


“बेटा ऐसे तो बहुत घर हैं जो सौरभ के घर से भी बड़े हैं, लेकिन वो सभी घर भी अनंत के सामने बहुत छोटे हैं,” माँ बोली।


“ये अनंत क्या है माँ? रोहन ने पूछा।


“अनंत वो है जिसे ना गिना जा सकता है, ना नापा जा सकता है, जिसकी ना कोई शुरुआत हो ना अंत”, माँ बोली।


“वो क्या है माँ, बताओ ना!” रोहन ने पूछा।


“क्यों ना इस सवाल का जवाब तुम खुद ढूंढो,” माँ बोली।


रोहन ने मन ही मन नचिकेता से कहा, “नचिकेता, तुम्हें तो पता होगा कि अनंत कौन है। अब तुम्हीं मुझे इसका जवाब दो।” इतना कहकर रोहन सो गया।


तभी एक खुफ़िया सुरंग से रोहन के कमरे में नचिकेता आ गया और बोला, “चलो रोहन तुम्हारी साइकिल पर सैर करने चलें। दोनों साइकिल पर बैठे और हवा में उड़ गए।


वे उड़कर पहले अमेज़न के जंगल में पहुँचे। जंगल में कई सारे पेड़ थे और उनपर अनेकों पत्तियाँ लगी हुई थी। “ये पत्तियाँ अनंत होंगी।” रोहन ने कहा। सभी पत्तियों ने कहा, “नहीं हम अनंत नहीं हैं। हमें गिना जा सकता है।”


वहाँ से उड़कर वे दोनों हिंदमहासागर के किनारे पहुँचे।


“आहा! इतना सारा पानी। यह तो पक्का अनंत है,” रोहन बोला।


सागर की लहरें बोली, “हम अनंत नहीं हैं, हमें मापा जा सकता है।"


नचिकेता और रोहन अब सहारा रेगिस्तान पहुँचे। “ये रेत के कण तो अनंत ही होंगे।” रोहन बोला।


तभी रेत से आवाज़ आई, “नहीं, हम अनंत नहीं! हमें गिना जा सकता है।”


अब वो दोनों एक तेज़ उड़ान भरकर सीधा अंतरिक्ष में पहुँचे। “ज़रूर ये तारे अनंत होंगे,” रोहन ने नचिकेता से कहा।


“नहीं ऐसा नहीं है, हमें गिना जा सकता है, तारे टिमटिमाते हुए बोले।


“ओह नचिकेता! क्या दुनिया में कुछ भी अनंत नहीं है,” रोहन निराश होकर बोला।


“अच्छा यह बताओ, क्या तुम नाप सकते हो कि तुम्हारे माता-पिता तुमसे कितना प्यार करते हैं?” नचिकेता ने रोहन से पूछा।


“नहीं”, रोहन बोला।


“इसका मतलब तुम्हारे लिए उनका प्यार अनंत है। उनके प्यार की ना कोई शुरुआत है ना अंत। ठीक इसी तरह भगवान की ना कोई शुरुआत है ना अंत, वो अनंत हैं,” नचिकेता ने कहा।


“मैं समझ गया, धन्यवाद नचिकेता,” रोहन बोला और वे दोनों साइकिल से धरती पर आए।


सुबह हुई और रोहन अपने सपने से बाहर आया। वह माँ को गले लगाकर बोला, “माँ मैं जान गया कि भगवान अनंत हैं।”

For more such stories buy myNachiketa Books

Age: Everyone!

Language: English

₹690

23% OFF

hindi book set.png

Age: Everyone!

Language: Hindi

₹576

20% OFF

Shloka


स्रोत: बृहदारण्यक उपनिषद्


बृहदारण्यक उपनिषद् के इस श्लोक में यही बात कही गई है।

ॐ पूर्णमदः पूर्णमिदं पूर्णात्पूर्णमुदच्यते ।

पूर्णस्य पूर्णमादाय पूर्णमेवावशिष्यते ॥

ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥


भगवान अनंत हैं। यह ब्रहमांड जो भगवान से उत्पन्न हुआ है वह भी अनंत है। अगर अनंत ब्रहमांड को भगवान से निकाल दिया जाए तो भी भगवान अनंत रहेंगे।


जैसे प्रेम की ना कोई शुरुआत होती है न अंत और प्रेम बांटने से कभी कम नहीं होता, वो अनंत है। वैसे ही भगवान की ना कोई शुरुआत है ना कोई अंत, वो अनंत हैं।

Download the Activity Related to Story

Story Video

Watch this Video to know more about the topic

Story type: Adventure, Motivational

Age: 7+years; Class: 3+

More Such Stories

Resources

Share Now

bottom of page