भगवद गीता, रामायण, महाभारत, वेद और उपनिषदों से भारतीय देवी-देवताओं की सीख से भरी रोचक कहानियाँ पढ़ें! इन कहानियों में भगवान के चमत्कार, उनकी लीलाएँ, और भक्तों के साथ उनके संबंधों की अद्वितीय झलक मिलेगी।
तैयार हो जाएँ ज्ञान से भरे एक मज़ेदार सफर के लिए इन विशेष कहानियों के साथ!
कृष्ण और फलवाली
नन्हें कृष्ण को मीठे-मीठे फल बहुत पसंद थे। एक दिन, गोकुल में सुखिया फलवाली आई। उसने कृष्ण को मीठे फलों के बदले में कुछ गेहूँ देने के लिए कहा। क्या कृष्ण गेहूँ ले आए? क्या उन्हें फल मिले? देखते हैं इस प्यारी-सी कहानी में आगे क्या हुआ।
हनुमानजी ने सीना क्यों चीरा?
भगवान राम की रावण पर जीत के बाद अयोध्या में कुछ अनोखा हुआ। सीता माता ने सबको उपहार दिए। हनुमान जी को भी उपहार मिला। हनुमानजी ने उस उपहार का क्या किया और किस तरह श्रीराम के लिए अपनी भक्ति और प्रेम को दर्शाया, जानते हैं इस दिल को छू लेने वाली कहानी में।
हनुमानजी ने कैसे किया समुद्र पार
जब हनुमानजी अपने दोस्तों के साथ माता सीता को ढूँढने के लिए निकले थे तब उनके रास्ते में एक विशाल समुद्र आ गया जिसे पार करना उन्हें मुश्किल लग रहा था। तब जामवंत जी ने उन्हें उनकी भूली हुई शक्तियों की याद दिलाई। आइए देखते हैं कि हनुमानजी ने अपनी शक्तियों से क्या कमाल दिखाया?
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ध्रुव की कहानी
यह कहानी है एक साहसी लड़के की है जिसका नाम था ध्रुव। ध्रुव ने जंगल जाकर भगवान की भक्ति क्यों की? वह आसमान में सबसे सबसे तेज़ चमकने वाला ध्रुव तारा कैसे बना? इन सवालों के जवाब पाने के लिए पढ़िए यह कहानी।
प्रह्लाद की कहानी
यह भागवतम् पुराण से अद्भुत साहस और सच्ची भक्ति से भरी कहानी है। हिरण्यकश्यप का बेटा प्रह्लाद, भगवान विष्णु का एक सच्चा भक्त था। हिरण्यकश्यप को यह बात पसंद नहीं थी क्योंकि वह खुद को ही भगवान मानता था। उसने प्रह्लाद को कड़ी से कड़ी सजा देने की कोशिश की पर भगवान विष्णु ने हमेशा प्रह्लाद की रक्षा की। भगवान विष्णु ने अंत में नरसिंह रूप लेकर हिरण्यकश्यप का वध किया। प्रह्लाद के बारे में और जानने के लिए पढ़िए यह कहानी।
भगवान को क्या खुश करता है?
पांडवों के वनवास के दौरान, एक बार ऋषि दुर्वासा उनके घर भोजन के लिए आए पर घर में सारा भोजन खत्म हो गया था। चलिए देखें कि किस तरह भगवान कृष्ण ने पांडवों और द्रौपदी को इस मुश्किल से बाहर निकला।
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