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दुर्गा पूजा भारत के सबसे महत्वपूर्ण और धूम-धाम से मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक है। यह माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का उत्सव है, जो बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है।
myNachiketa पेश करता है दुर्गा पूजा पर हिंदी में 10 लाइन जो इस त्योहार के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करती हैं।
दुर्गा पूजा एक हिंदू त्योहार है, जिसे पूरे भारत में बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह माँ दुर्गा की महिषासुर पर विजय का उत्सव है।
दुर्गा पूजा आमतौर पर सितंबर या अक्टूबर के महीने में मनाई जाती है। यह शष्टी (छठे दिन) से शुरू होती है, जब माँ दुर्गा की मूर्ति को पंडाल में स्थापित किया जाता है, और दशमी (दसवें दिन) तक चलती है।
उत्तर और पश्चिम भारत में, इस त्योहार को नवरात्रि के रूप में मनाया जाता है, जहाँ माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है।
देवी दुर्गा की सुंदर मूर्तियों को रखने के लिए भव्य पंडाल बनाए जाते हैं। ये पंडाल परंपरा और आधुनिकता का मेल होते हैं, जो अक्सर आधुनिक मुद्दों या ऐतिहासिक कहानियों को दर्शाते हैं।
आठवाँ दिन दुर्गाष्टमी, इस त्योहार का मुख्य दिन होता है। माँ दुर्गा की आरती के समय ढाक (ढोल) बजाए जाते हैं और धुनुची नृत्य किया जाता है।
माँ दुर्गा को विशेष भोग अर्पित किया जाता है और इसे भक्तों के बीच बाँटा जाता है। पारंपरिक अनुष्ठान जैसे पुष्पांजलि (फूलों का अर्पण) देवी को सम्मानित करने के लिए किए जाते हैं।
सभी समुदायों के लोग एक साथ मिलकर पंडालों में जाते हैं। यह त्योहार परिवारों और दोस्तों के बीच एकता और प्रेम को बढ़ावा देता है।
यह त्योहार पूरे भारत में मनाया जाता है, हालाँकि पश्चिम बंगाल में दुर्गा पूजा को बहुत उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है।
माँ दुर्गा को शक्ति, ज्ञान और समृद्धि के लिए पूजा जाता है। यह त्योहार हमें हमेशा बुराई के विरोध में खड़े होने की सीख देता है।
इस उत्सव का समापन विजयदशमी के दिन होता है, जब माँ दुर्गा की मूर्तियों का जल में विसर्जन किया जाता है। विसर्जन, माँ दुर्गा के उनके निवास में लौटने का प्रतीक है, जो त्योहार के अंत का संकेत है।
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