
निसर्गदत्त महाराज भारत के एक ज्ञानी गुरु थे, जिन्होंने लोगों को जीवन का गहरा अर्थ समझने में मदद की। उनका जन्म 17 अप्रैल 1897 को मुंबई में हुआ था। उनका असली नाम मारुति शिवरामपंत कांबली था। वे एक छोटे से गाँव में बड़े हुए और दुकान चलाते थे। अपनी शिक्षाओं द्वारा, निसर्गदत्त महाराज ने कई लोगों को प्यार, सादगी और शांति के साथ जीवन जीने की प्रेरणा दी।
myNachiketa प्रस्तुत करता है निसर्गदत्त महाराज पर 10 लाइन हिंदी में।
निसर्गदत्त महाराज के पिता का नाम शिवरामपंत कांबली था, और उनकी माँ का नाम पार्वतीबाई कांबली था।
वह भारत के महाराष्ट्र राज्य के एक छोटे से गाँव कंदलगाँव में रहते थे।
महाराज को जीवन की सच्चाई जानने की बहुत जिज्ञासा थी।
उनकी जिंदगी बदल गई जब वे अपने आध्यात्मिक गुरु श्री सिद्धारमेश्वर महाराज से मिले।
"निसर्गदत्त" नाम उनके गुरु ने उन्हें दिया था।
वे नवनाथ संप्रदाय का हिस्सा बने, जो आत्म के सच्चे स्वरूप को समझने का एक मार्ग है।
निसर्गदत्त महाराज ने सिखाया कि चिंताओं और इच्छाओं को छोड़कर हम अपने सच्चे स्वरूप को पा सकते हैं।
उनकी शिक्षाओं को "आई एम दैट" नाम की किताब में संग्रहित किया गया है।
उनकी शिक्षाओं को निसर्ग योग कहा जाता है।
निसर्गदत्त महाराज सबसे सम्मानित आध्यात्मिक गुरु थे, जो अपनी सही सोच, विनम्रता और ज्ञान के लिए जाने जाते थे।

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