सरस्वती पूजा, जिसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है, एक महत्वपूर्ण हिंदू त्योहार है जो वसंत ऋतु के आगमन का प्रतीक है। यह दिन ज्ञान, बुद्धि और कला की देवी माँ सरस्वती को समर्पित है। लोग उनकी पूजा करते हैं ताकि वे शिक्षा और नई रचनाएँ करने में सफलता प्राप्त कर सकें। यह दिन विशेष रूप से छात्रों, कलाकारों और विद्वानों के लिए बहुत खास माना जाता है।
myNachiketa पेश करता है सरस्वती पूजा पर 10 लाइन।
सरस्वती पूजा एक हिंदू त्योहार है जो माघ महीने (जनवरी या फरवरी) में मनाया जाता है। इसे वसंत पंचमी भी कहा जाता है।
यह दिन ज्ञान और कला की देवी, माँ सरस्वती को समर्पित है।
माँ सरस्वती की पूजा ज्ञान, बुद्धि और नई चीज़ें सीखने के लिए की जाती है।
माँ सरस्वती को सफ़ेद साड़ी में दर्शाया जाता है, उनके हाथों में वीणा, पुस्तक, माला और जलपात्र (घड़ा) होता है।
लोग पीले कपड़े पहनते हैं और देवी को पीले फूल अर्पित करते हैं, क्योंकि पीला रंग वसंत ऋतु का प्रतीक है।
विद्यार्थी और कलाकार पढ़ाई और कला में सफलता के लिए देवी सरस्वती की पूजा करते हैं।
पुस्तकें, वाद्य यंत्र और स्टेशनरी, माँ सरस्वती की मूर्ति के पास आशीर्वाद पाने के लिए रखे जाते हैं।
इस दिन एक विशेष क्रिया, विद्या-आरंभ, छोटे बच्चों की शिक्षा शुरू कराने के लिए किया जाता है।
केसरिया भात और हलवा जैसे स्वादिष्ट पीले व्यंजन इस उत्सव का हिस्सा होते हैं।
सरस्वती पूजा ज्ञान, बुद्धि और रचनात्मकता का उत्सव मनाने का समय है।
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