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गुरु नानक जयंती पर भाषण (Speech on Guru Nanak Jayanti in Hindi)

myNachiketa
 Speech on Guru Nanak Jayanti



इक ओंकार, सतनाम, करता पुरख, निरभउ, निर्वैर। अकाल मूर्त, अजूनी, सैभं, गुर प्रसाद। आदि सच, जुगाद सच, है भी सच, नानक होसी भी सच।


सबको हार्दिक नमस्कार!


आज हम सब यहाँ गुरू नानक जयंती मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं, जो सिखों के प्रथम गुरु, गुरु नानक देव जी का जन्मदिवस है। इसे गुरपुरब भी कहते हैं और सिख समुदाय इसे बड़े श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाता है।


गुरु नानक देव जी का जन्म 1469 में पाकिस्तान के ननकाना साहिब नामक छोटे से गाँव में हुआ था। बचपन से ही वे बहुत समझदार और दयालु थे। उनका मानना था कि सभी लोग बराबर हैं, चाहे उनका धर्म या जाति कोई भी हो।


उन्होंने सिखाया कि हम सभी एक परिवार का हिस्सा हैं और ईश्वर एक है, जिसे उन्होंने "इक ओंकार" शब्दों के माध्यम से व्यक्त किया।


चलिए जानते हैं कि गुरु नानक जयंती को दुनियाभर में कैसे मनाया जाता है।


गुरपुरब की शुरुआत अक्सर 48 घंटे के अखंड पाठ से होती है, जिसमें सिखों के पवित्र ग्रंथ, गुरु ग्रंथ साहिब को बिना रुके पढ़ा जाता है। इसे "अखंड पाठ" कहा जाता है और यह गुरपुरब का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


गुरु नानक जयंती से एक दिन पहले एक विशाल शोभायात्रा निकाली जाती है, जिसे नगर कीर्तन कहते हैं। इस शोभायात्रा में गुरु ग्रंथ साहिब को एक सजे हुए वाहन पर रखा जाता है, जिसकी अगुवाई पाँच प्यारे (पंज प्यारे) करते हैं। लोग कीर्तन गाते हैं, और बच्चे गटका, एक पारंपरिक सिख युद्ध कला का प्रदर्शन करते हैं। रास्ते में लोग दूसरों को भोजन, पेय, और मिठाइयाँ बाँटते हैं।


गुरपुरब के दिन, लोग सुबह-सवेरे (अमृत वेला) गुरुद्वारों में एकत्रित होते हैं, जहाँ वे प्रार्थनाएँ करते हैं और गुरु नानक देव जी के जीवन और शिक्षाओं के सम्मान में कीर्तन गाते हैं।


इस समारोह का एक महत्वपूर्ण हिस्सा लंगर होता है, जिसमें हर धर्म और जाति के लोग साथ में भोजन करते हैं। आम लोग लंगर में भोजन पकाने, परोसने और बर्तन धोने जैसे कार्यों में अपनी सेवा देते हैं। लोग एक साथ ज़मीन पर बैठकर बड़े प्रेम से प्रशाद के रूप में भोजन करते है। यह आपसी भाईचारे और प्रेमभाव को बढ़ाता है।


गुरुद्वारों और घरों को दीपों, मोमबत्तियों और फूलों से सजाया जाता है। कुछ गुरुद्वारों में शाम के समय आतिशबाजी भी होती है। अमृतसर के स्वर्ण मंदिर (हरमंदिर साहिब) में गुरपुरब का उत्सव विशेष आकर्षण का केंद्र होता है, जहाँ दुनियाभर से श्रद्धालु आते हैं।


Guru Nanak Jayanti 1

अब मैं आपको गुरु नानक जी की शिक्षाओं के बारे में बताता हूँ/ बताती हूँ, जो सरल परंतु प्रभावी हैं।


उन्होंने तीन मुख्य सिद्धांतों पर जोर दिया, जिनका सभी को पालन करना चाहिए :


नाम जपना – इसका अर्थ है भगवान को स्मरण करना और उनके नाम का जाप करना।


किरत करना – इसका अर्थ है ईमानदारी और मेहनत से धन कमाना। गुरु नानक जी ने सभी को सिखाया कि अपने कार्य को ईमानदारी से करें और अपने परिवार और समाज की मदद करें।


वंड छकना – इसका अर्थ है दूसरों के साथ बाँटना, विशेष रूप से उन लोगों के साथ जो ज़रूरतमंद हैं। गुरु नानक देव जी ने सभी को दयालु, सहायक और जरूरतमंदों के प्रति उदार बनने और अपनी कमाई हुई चीजें या धन उनके साथ बाँटने के लिए प्रेरित किया।


आइए, हम गुरु नानक देव जी की शिक्षाओं को अपने जीवन में अपनाएँ। ऐसा करके हम अपने परिवार, स्कूल और समाज में एक बड़ा बदलाव ला सकते हैं। दूसरों के प्रति दयालु, सहायक और ईमानदार बनकर हम इस दुनिया को एक बेहतर स्थान बना सकते हैं।


धन्यवाद, आप सभी को गुरु नानक जयंती की हार्दिक शुभकामनाएँ!

 
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Invitado
26 nov 2024
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🙂

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