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शिक्षक दिवस पर हिंदी में स्पीच (Speech on Teacher's Day in Hindi)

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Speech on Teacher's Day in Hindi

"पहला दीपक गुरु है, और उससे प्रज्वलित दीपक शिष्य है।"


स्वामी विवेकानंद द्वारा कही हुई यह सुंदर पंक्तियाँ एक छात्र के जीवन में एक महान गुरु या शिक्षक के महत्व को उजागर करती हैं।


यहाँ उपस्थित सभी माननीय जनों को मेरा नमस्कार!


आज शिक्षक दिवस पर मुझे अपने सभी शिक्षकों के प्रति आभार व्यक्त करने का एक सुनहरा अवसर मिला है। सभी छात्रों की ओर से, मैं अपने सभी शिक्षकों का धन्यवाद करता/करती हूँ कि वह दिन-रात कड़ी मेहनत करके हमारे भविष्य को संवारने का प्रयास कर रहे हैं। यह समय है अपने अद्भुत शिक्षकों के प्रति आभार प्रकट करने का जिन्होंने हमें जीवन के हर क्षेत्र में सीखने और आगे बढ़ने में मदद की है।


जैसा कि हम सब जानते हैं कि शिक्षक दिवस हर साल 5 सितंबर को डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के सम्मान में मनाया जाता है। डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, एक विद्वान, शिक्षक और भारत के दूसरे राष्ट्रपति थे। वह शिक्षा को बहुत महत्व देते थे और उन्होंने शिक्षा और दर्शनशास्त्र के ज्ञान को दूसरों तक पहुँचाने में विशेष योगदान दिया।


डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन ने कहा था, "देश के सबसे मेधावी लोगों को शिक्षक होना चाहिए।" वह शिक्षा को बहुत महत्व देते थे और मानते थे कि शिक्षक बच्चों को उनकी पूरी क्षमता तक पहुँचने में मदद करके एक बेहतर राष्ट्र का निर्माण करने में सहायक हैं।


शिक्षक हमारे सुपरहीरो हैं, जो सीखने को मज़ेदार और उपयोगी बनाते हैं। जैसे हमारे माता-पिता हमारा पोषण करते हैं वैसे ही हमारे शिक्षक सही ज्ञान और मार्गदर्शन से हमारा विकास करते हैं। वह निःस्वार्थ भाव से हमें सिखाते हैं और हमें अपने बच्चों की तरह प्रेम करते हैं। हमारे शिक्षक हमें बड़े सपने देखने और ऊँचाइयों तक पहुँचने के लिए प्रेरित करते हैं।


हमारी संस्कृति में, शिक्षक या गुरु को भगवान से भी ऊँचा स्थान दिया गया है। यह इस बात का सूचक है कि शिक्षक या गुरु की सहायता और मार्गदर्शन के बिना कोई भी भगवान तक नहीं पहुँच सकता।

 
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शिक्षक दिवस पर छात्र अपने शिक्षकों के प्रति प्रेम और आभार व्यक्त करने के लिए कई तरीके चुन सकते हैं, जैसे उन्हें उपहार, कार्ड, किताबें आदि भेंट करना, लेकिन उन्हें धन्यवाद देने का सबसे अच्छा तरीका यह है कि हम उनकी दी हुई शिक्षा को अपने जीवन में उतारें।


जैसे अर्जुन अपने महान गुरु द्रोणाचार्य के आशीर्वाद और मार्गदर्शन से सबसे बड़े धनुर्धर बने और उन्होंने श्रीकृष्ण से अपना कर्तव्य निभाने और सही कर्म करने की शिक्षा ली, इसी तरह हम भी अपने शिक्षकों पर विश्वास करके अपनी क्षमता तक पहुँच सकते हैं। अपने शिक्षकों के मार्गदर्शन और प्रोत्साहन से, हम अपने जीवन की सभी बाधाओं को पार कर सकते हैं। हम अपने शिक्षकों का भले ही कितना भी धन्यवाद दें, यह उनके त्याग और समर्पण के सामने कुछ भी।


अंत में, मैं यह कहना चाहूँगा/ चाहूँगी कि हमारे शिक्षक, हमारे नायक, मार्गदर्शक और आदर्श होते हैं जो अपने ज्ञान से हमारे जीवन को रोशन करते हैं। आप सभी को शिक्षक दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ!


धन्यवाद।

 
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