कबीर दास जी भारत के जाने माने संत और कवि थे। वे 1440 से 1518 के दौरान की कवि और संत थे। भक्ति और जीवन की सच्चाई पर आधारित दोहों के लिए मशहूर थे। कबीर दास जी ने अपने दोहों से भक्ति, प्रेम, समानता का संदेश दिया। हालाँकि संत कबीर दास जी के बचपन के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है, लेकिन उनका पालन-पोषण वाराणसी में एक जुलाहे दंपति ने किया था। संत कबीर दास जी ने को जीवन और भगवान के बारे में गहरी समझ थी।
myNachiketa बच्चों के लिए प्रस्तुत करता है संत कबीर दास जी की कुछ शिक्षाएँ। इन शिक्षाओं से बच्चे जीवन में प्रेम, सच्चाई, ईमानदारी और एकता के महत्व के बारे में सीख सकते हैं।
1. भगवान हम सभी में हैं; हमें दूसरों के साथ वैसा ही व्यवहार करना चाहिए जैसे हम अपने साथ चाहते हैं
कबीर दास जी ने कहा कि भगवान हर इंसान के अंदर होते हैं और हमें सभी के साथ दया और सम्मान का व्यवहार करना चाहिए। उनकी शिक्षा एक भगवान, समानता और प्रेम को बढ़ावा देती है। उन्होंने यह भी सिखाया कि हमें कभी यह नहीं सोचना चाहिए कि हम दूसरों से अच्छे हैं, और हमेशा विनम्र रहना चाहिए।
मन के हिय राम बसे, घट-घट के अंतर।
राम नाम हरि नाम का, लेव को सुमिरन॥
प्यारे बच्चों, आपको हमेशा सबके साथ विनम्रता और आदर का बर्ताव करना चाहिए, भले ही वो आपसे अलग हों। आपको हर किसी से नम्रता और प्यार से बात करनी चाहिए क्योंकि हर इंसान में भगवान का वास होता है।
2. अच्छी संगति सुगंधित फूल की तरह होती है; यह खुशियाँ फैलाती है
अच्छे और सकारात्मक लोग दूसरों को भी अच्छी आदतें और महत्वपूर्ण बातें अपनाने के लिए प्रेरित करते हैं। संत कबीर दास जी ने कहा कि हमें दयालु और बुद्धिमान लोगों के साथ समय बिताना चाहिए, जो हमें अच्छे काम करने के लिए प्रेरित करें। इससे हम खुद को बेहतर इंसान बना सकते हैं और बुरे प्रभावों और बुरे कामों से दूर रह सकते हैं।
कबीरा संगत साधु की, निष्फल कभी न होय ।
होमी चन्दन बासना, नीम न कहसी कोय ।।
बच्चों, आपको अपने दोस्तों और आसपास के लोगों को समझदारी से चुनना चाहिए क्योंकि उनके काम आपके कामों पर असर डालते हैं। जो लोग खुशियाँ फैलाते हैं और अच्छा सोचते हैं, वे आपको भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करते हैं। आपके जो दोस्त मेहनत करते हैं और निष्ठा से काम करते हैं, वे आपको को भी मेहनत करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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3. जो आज है, वह कल जा सकता है, इसलिए हमें स्थाई चीजों पर ध्यान देना चाहिए
संत कबीर दास जी कहते हैं कि धन-दौलत, प्रसिद्धि और शारीरिक सुंदरता हमेशा नहीं रहते, वे समय के साथ बदल जाते हैं। ये चीज़ें जो किसी भी समय मिट सकती है या छिन सकती है। इसलिए, हमें अपने अंदर उन गुणों को विकसित करना चाहिए जो हमेशा के लिए रहते हैं, जैसे कि ज्ञान, करुणा, और भगवान से गहरा संबंध।
माया मरी न मन मरा, मर मर गया शरीर।
आशा तृष्णा न मरी, कह गए दास कबीर।।
इसलिए, बच्चों, जो कुछ भी हमारे पास है उसमें खुश और संतुष्ट रहना चाहिए और अधिक की माँग नहीं करनी चाहिए। आपके नए कपड़े और खिलौने कुछ समय बाद गंदे या पुराने हो जाते हैं, और आप नए की माँग करते हैं। किसी भी नई चीज़ से मिलने वाली खुशी हमेशा नहीं रहती। तो प्यारे बच्चों, नई चीजें सीखो, ज्ञान प्राप्त करो और भगवान के साथ संबंध बनाओ क्योंकि ये गुण स्थायी हैं जो हमेशा साथ रहते हैं।
4. दूसरों की सेवा करना ही ईश्वर की सच्ची पूजा है
कबीर दास जी ने कहा कि दूसरों की मदद करना और उनकी देखभाल करना भगवान की भक्ति के सबसे उत्तम रूपों में से एक है। यह शिक्षा इस बात को दर्शाती है कि भगवान हर जगह हैं। जब हम दूसरों की सेवा करते हैं, तो हम भगवान की सेवा करते हैं। कबीर दास जी मानते थे कि पूजा केवल रीति-रिवाजों का पालन करने या मंदिर जाने तक ही सीमित नहीं है। सच्ची पूजा वह है जिसमें हम बिना स्वार्थ के ऐसे काम करें, जो दूसरों की खुशी और भलाई के लिए हो।
जग में बैरी कोइ नहीं, जो मन सीतल होय।
या आपा को डारि दे, दया करै सब कोय।।
प्यारे बच्चों, हमारा हर काम भगवान की भक्ति का रूप होना चाहिए। आपको अपने दोस्तों, परिवारवालों या शिक्षकों की मदद करनी चाहिए और उनका ख्याल रखना चाहिए हो, और इसे भगवान की सेवा मानना चाहिए। इसलिए, हमेशा अच्छे काम करो और दूसरों की सेवा करो।
5. खामोशी में हम अपने दिल की बात अच्छे से सुन पाते हैं
कबीर दास जी ने कहा कि जब हम शांत रहते हैं, तो हम अपने अंदर की आवाज़ सुन सकते हैं। जब बाहर का शोर और ध्यान भटकाने वाली चीज़ें नहीं होतीं, तब हम अपने अंदर की तरफ ध्यान लगा सकते हैं और जान सकते हैं कि हमारे लिए सच में क्या ज़रूरी है। शांत रहने से हम अपने दिल की इच्छाओं और भावनाओं को सुन पाते हैं। इससे हमारा सही मार्ग दर्शन होता और हम भगवान से भी जुड़ पाते हैं।
माला तो कर में फिरे, जीभ फिरे मुख माहि।
मनुआ तो चाहूं दिश फिरे, ये तो सुमिरन नाही।।
बच्चो, आपको भी हर दिन कुछ समय के लिए चुप रहना चाहिए। जैसे सोने से पहले, जब टीवी बंद हो, लाइट बंद हो, और चारों ओर शांति हो, तब आप अपनी आंखें बंद करके बैठ सकते हो। इससे आप अपनी भावनाओं और विचारों को समझ सकते हो और अपने दिल से जवाब पाने की कोशिश कर सकते हो।
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6. आप हर चीज़ को नियंत्रित नहीं कर सकते लेकिन आप अपने मन को नियंत्रित कर सकते हैं।
कबीर दास जी ने हमें सिखाया कि जीवन में कई चीज़ें ऐसी होती हैं जिन्हें हम नहीं बदल सकते, लेकिन हम यह ज़रूर तय कर सकते हैं कि उन हालातों में हम कैसा व्यवहार करें। जब आपका मन शांत और स्थिर होता है तो आप हर मुश्किल का सामना कर सकते हो। आप खुश महसूस करोगे और हर स्थिति में शांत रहकर समस्याओं का हल ढूँढ पाओगे।
सहज सहज सब कोई कहे, सहज न चीन्हे कोई।
जिनी सहजै विषय तजी, सहज कहीजे सोई।
बच्चों आपको अपना हर काम सोच समझ कर करना चाहिए क्योंकि आपका हर काम आपका भविष्य तय करता है। जैसे, आप प्रतियोगिता का नतीजा नहीं बदल सकते, लेकिन आप तय कर सकते हैं कि खुश रहें, गुस्सा या उदास न हों। अगर कोई दोस्त कुछ बुरा बोलता है, तो आप चिल्लाने के बजाय, उसे नजरअंदाज कर सकते हैं और शांत रह सकते हैं।
7. बिता हुआ समय कभी वापस नहीं आता, इसलिए समय का सदोपयोग करो
संत कबीर दास जी ने कहा था कि समय बहुत कीमती होता है और एक बार चला गया तो कभी वापस नहीं आता। इसलिए हमें अपना समय समझदारी से इस्तेमाल करना चाहिए और हर पल का सही उपयोग करना चाहिए। नए चीजें सीखने, दूसरों की मदद करने, और वे काम करने में समय बिताना चाहिए जो ख़ुशी दे और हमें एक अच्छा इंसान बनाए।
रात गवाई सोय के, दिवस गावाया खाय I
हिरा जन्म अनमोल था, कोडी बदले जाय I I
एक बार अगर आपने समय बर्बाद किया, तो वो हमेशा के लिए चला जाता है। बच्चों आप अपना समय घंटों खेल में बिताने के बजाए उसे पढ़ाई करने या किसी की मदद करने के लिए उपयोग करें। लेकिन अगर आप अपना होमवर्क समय पर करते हो, तो बाद में मस्ती करने के लिए और समय मिल जाता है।
8. धैर्य महान लोगों की पहचान है
कबीर दास जी की इस शिक्षा का अर्थ है कि अच्छी चीजों में समय लगता है, और यदि आप धीरज रखकर अपने लक्ष्य के लिए काम करते रहते हैं, तो अंत में ज़रूर सफ़ल होंगे। हमें तब भी धैर्य रखना चाहिए जब कुछ भी सही नहीं चल रहा हो। ध्यान ना भटकाने से और अपनी पूरी कोशिश करने से सफ़लता ज़रूर मिलती है।
धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ॠतु आए फल होय।।
बच्चों, यहाँ कुछ उदाहरण दिए गए हैं ताकि आपको समझने में आसानी हो।
यदि आप साइकिल चलाना सीख रहे हो, तो आप कई बार गिर सकते हो, लेकिन अभ्यास और धैर्य के साथ, आप बेहतर हो जाओगे और बिना गिरे साकिल चला पाओगे। यदि आप किसी बड़ी पहेली को ख़त्म करने का प्रयास कर रहे हो, तो यह पहली बार में मुश्किल लग सकती है, लेकिन धीरे-धीरे इस पर काम करते रहने से अंत में आप इसे हल कर लोगे।
तो बच्चों, कबीर दास जी की शिक्षाएँ हमें जीवन जीने की अमूल्य समझ देती हैं, जो हमें प्यार, दया और शांति से भर देती हैं। संत कबीर के संदेश हमें यह याद दिलाते हैं कि हमें ज्ञान, भगवान में विश्वास, अच्छे कर्म और एकता को महत्व देना चाहिए। हमें भी संत कबीर दास जी की शिक्षाओं को अपनाना चाहिए ताकि हम एक अच्छे इंसान बन सकें और हम जहाँ भी जाएँ वहाँ खुशियाँ और प्रेम बाँटें।
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