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स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएँ (Teachings of Swami Vivekananda in Hindi)



Teachings of swami Vivekananda

स्वामी विवेकानंद का जन्म 12 जनवरी 1863 को कोलकाता के एक बंगाली परिवार में हुआ था। उनका असली नाम नरेंद्रनाथ दत्त था। उनके पिता श्री विश्वनाथ दत्त कोलकाता उच्च न्यायालय में एक वकील थे। विवेकानंद एक बुद्धिमान और खुले विचारों वाले व्यक्ति थे, जिन पर उनकी माता, भुवनेश्वरी देवी का गहरा प्रभाव था। वे बचपन से ही पूजा-अर्चना में रुचि रखते थे और ध्यान किया करते थे। भगवान कोजा जानने की उनकी रुचि ने उन्हें नरेंद्रनाथ से स्वामी विवेकानंद बना दिया।


उन्होंने वेदों और उपनिषदों का गहराई से अध्ययन किया, धर्म और दर्शन के प्रति उनका दृष्टिकोण वैज्ञानिक था।


हम स्वामी विवेकानंद की कुछ ऐसी शिक्षाओं को जानेंगे जो हर छात्र के विकास और उन्नति के लिए आवश्यक हैं।



1. शारीरिक विकास

Teachings of Swami Vivekananda 1

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुसार, स्वस्थ शरीर के लिए शारीरिक विकास अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि बच्चे के मजबूत मांसपेशियों का होना जरूरी है, और इसके लिए उन्होंने योग का अभ्यास करना चाहिए। उनके दृष्टिकोण में, बच्चे का शारीरिक विकास शिक्षा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।


बच्चों, योग करने और अपने शरीर की देखभाल करने से न केवल आप मजबूत होते हैं बल्कि एक अनुशासित और स्वस्थ जीवन जीने की कला भी सीखते हैं।


2. मानसिक और बौद्धिक विकास

स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुसार, बच्चों को आधुनिक दुनिया के विज्ञान और तकनीक का ज्ञान देना बहुत महत्वपूर्ण है। वे चाहते थे कि बच्चे जिज्ञासु हों और आधुनिक दुनिया के बारे में ज्ञान प्राप्त करें। तो बच्चों, सवाल पूछते रहो, नए विचारों को खोजते रहो, और कभी भी सीखना बंद मत करो—आपका मस्तिष्क बहुत शक्तिशाली है!

 

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3. समाज सेवा की भावना का विकास

स्वामी विवेकानंद ने कहा कि शिक्षा का केवल अपने भले के लिए नहीं, बल्कि सभी के कल्याण के लिए होनी चाहिए।

Teachings of Swami Vivekananda 2

बच्चों, आपको भी इस सिद्धांत का पालन अपने जीवन में करना चाहिए। उदाहरण के लिए, जब आपका मित्र या कोई और बच्चा किताबों, नोट्स या किसी विषय को समझने में मदद की ज़रूरत महसूस करे, तो आपको खुशी-खुशी आगे बढ़कर उसकी मदद करनी चाहिए। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुसार, दयालु और सहायक होना आपके विकास का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है!


4. नैतिक और चरित्र विकास

स्वामी विवेकानंद हमेशा मानते थे कि एक अच्छा चरित्र बच्चे को सच की रह पर आगे बढ़ाता है। वे सामाजिक और धार्मिक नैतिकता दोनों में विश्वास रखते थे और इसलिए चाहते थे कि हर बच्चा अच्छे और उच्च नैतिक चरित्र वाला हो। यदि आप स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं का पालन करेंगे, तो आप एक सम्मानित और सुखी जीवन जीयेंगे। याद रखें, अच्छा होना और सही कार्य करना हमेशा लाभदायक होता है!


 

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अब हम स्वामी विवेकानंद के प्रेरणादायक और प्रेरक उद्धरणों के बारे में जानेंगे, जिनका हम अपने जीवन में उपयोग कर सकते हैं।

Teachings of Swami Vivekananda 3

  1. आत्म-निरीक्षण की शक्ति

"दिन में एक बार अपने आप से बात करें, अन्यथा आप इस दुनिया में एक बुद्धिमान व्यक्ति से मिलने का मौका चूक सकते हैं।"


स्वामी विवेकानंद हमेशा आत्म-निरीक्षण को प्रोत्साहित करते थे, जिसका अर्थ है अपनी सोच, भावनाओं और कार्यों को बेहतर ढंग से समझना। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाएँ हमें यह विश्वास दिलाती हैं कि हमारे भीतर ज्ञान और बुद्धिमत्ता का भंडार है। इसलिए बच्चों, आपको भी हमेशा अपने साथ समय बिताना चाहिए, खुद को समझना चाहिए, क्योंकि आपके अंदर अपार क्षमता और समझ है।

 

 2. विचार हमारे वर्तमान और भविष्य तय करते हैं

"हम वही हैं जो हमारे विचारों ने हमें बनाया है; इसलिए ध्यान रखें कि आप क्या सोचते हैं। शब्द बाद में आते हैं। विचार जीवित रहते हैं; वे बहुत दूर तक यात्रा करते हैं।"


स्वामी विवेकानंद के इस उद्धरण में हमारे विचार, हमारे व्यक्तित्व को बनाने पर गहरा प्रभाव डालते हैं। मूल बात यह है कि हमारे विचार हमारे कार्यों, भाव और हमारे भविष्य को प्रभावित करते हैं। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुसार, हमें अच्छे और सकारात्मक विचार रखने का प्रयास करना चाहिए, क्योंकि अच्छे विचार एक सही जीवन का आधार बनते हैं।

 

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3. सही जानकारी चुनें

किताबें बहुत ज़्यादा हैं और समय बहुत कम। ज्ञान का रहस्य है कि जो आवश्यक है उसे जान लेना। इस ज्ञान को जीवन में शामिल करें।”


दुनिया में किताबों और अन्य स्रोतों के माध्यम से विशाल मात्रा में ज्ञान उपलब्ध है, लेकिन मानव जीवन सीमित है, और हमारे पास सब कुछ पढ़ने और सीखने का पर्याप्त समय नहीं है। स्वामी विवेकानंद मानते थे कि ज्ञान प्राप्त करने के लिए हर एक चीज़ को सीखना जरूरी नहीं है। उनकी शिक्षाओं के अनुसार, हमें केवल सबसे महत्वपूर्ण, मूल्यवान और उपयोगी ज्ञान पर ही ध्यान केंद्रित करना चाहिए, जिनसे जीवन में वास्तविक बदलाव आ सके।


आप इस कहानी को भी पढ़ सकते हैं कि विवेकानंद ने कैसे हर चीज़ में भगवान को देखा: विवेकानंद ने भगवान को देखा

 
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4. एक विचार पर ध्यान लगाएँ

"एक विचार को अपनाएँ। उस एक विचार को अपने जीवन बना लें – उसके बारे में सोचें, उस पर सपने देखें, और उसी विचार पर जिएँ। अपने मस्तिष्क, मांसपेशियों, नसों, और अपने शरीर के हर हिस्से को उस विचार से भर दें और बाकी सभी विचारों को छोड़ दें। यही सफलता का रास्ता है।"


Teachings of Swami Vivekananda 5

इस उद्धरण में स्वामी विवेकानंद सफलता प्राप्त करने में ध्यान और समर्पण के महत्व के बारे में बात करते हैं। वे सुझाव देते हैं कि यदि आप अपनी सारी ऊर्जा, विचार, और क्रियाओं को एक लक्ष्य या विचार पर केंद्रित करें, आपकी कार्य क्षमता और सफलता की संभावनाओं को बढ़ाती है। स्वामी विवेकानंद की शिक्षाओं के अनुसार, यदि आप एक उद्देश्य में पूरी तरह से समर्पित होते हैं, तो आप भटकते नहीं हैं और उस उद्देश्य में सफलता प्राप्त कर सकते हैं।

 
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